Tuesday, June 22, 2010

रिश्ते

गुलज़ार साहिब ने कहा है 'हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते'.
पर उन रिश्तों का क्या जो हाथ थामने से पहले ही छूट जाते हैं ?
उनका क्या जहाँ थामे हाथ बेड़ियों से प्रतीत होते हैं?
और शायद कुछ  रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो कभी हाथों के मोहताज नहीं होते.