Tuesday, July 5, 2011


इन बादलों से कहना आज बिन बरसे ही लौट जायें
मेरी ताड़ की छत अभी सूखी नहीं है

Thursday, June 23, 2011

Hope

The dream was shattered again.
Like a withered leaf;
Crushed by an innocent passerby.

The canvas was empty again
Like a castle of sand;
Swept away by the sea waves.

But the eyes are ready again
To paint some new dreams
With the hues of hope and faith.

Monday, May 23, 2011

Unruffled Mind

Amidst this deluge of thoughts,
there is an ephemeral silence.
the mind is unruffled
like a long-steady river,
waiting for the ripples to turn into waves

Monday, April 18, 2011

मैं

आवाजों के  समदर  में  सन्नाटे  को  खोजती  मैं   
रिश्तों  के  भंवर  में  तन्हाई  को ढूँड़ती  मैं 
दरवाज़ों  की  ओड़ में  छुपे  चेहरों  को  निहारती  मैं     
चद लम्हों  की  यादों  में  सदियों  को  समेटती  मैं
   

Wednesday, January 5, 2011

सपनों की उड़ान



बंद  दरवाज़ों  की ओड़   में  छुपी  मुस्कुराहटें , 
नए  चेहरों  और  नए  रंगों  में  लिपटी  खुशियाँ , 
झुकी  पलकों  और  बंद  आँखों  में  दबी  चमक,
दबी  जुबां  और  बंद  होठों  में  सिमटी  हंसी,  
कुछ  अनकहे  , अनबुने  सपनों   की उड़ान