Friday, August 28, 2009

गुज़रे लम्हे

भूल जाने की चाहत तो हर दम है मगर, दिले नादान को भूलना आता नहीं।

वक्त की स्याही से सब मिट जाता है मगर, गुज़रे लम्हों का एहसास दिल से जाता नहीं।