Tuesday, October 19, 2010

बस यही तो है ज़िन्दगी

नित नयी कहानियाँ , अनबुने  अधूरे से सपने
हर  पल  उडीकती  दिशायें, अनजानी, अनदेखी  सी राहें  
रात  का  अँधेरा  और  पल  पल ठहरता सन्नाटा
पक्षियों  की चेहचाहट, लालिमा  से  रोशन  होता  अम्बर
बारिश  की   चन्द  बूँदें, उभरती  फिर  नयी  आशाएं, बनती फिर  नयी  कहानियाँ
बस यही  तो  है  ज़िन्दगी