Unspoken Words
Thursday, August 27, 2009
शायरी
बिन बुलाये बे
वक़्त आ जाना ही है आंसुओं का काम
हर लम्हे को जी जाना और हर अश्क को पी जाना ही है ज़िन्दगी का नाम
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