Unspoken Words
Thursday, August 27, 2009
शायरी
बिन बुलाये बे
वक़्त आ जाना ही है आंसुओं का काम
हर लम्हे को जी जाना और हर अश्क को पी जाना ही है ज़िन्दगी का नाम
2 comments:
Urmi
said...
वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब लिखा है आपने! बढ़िया लगा आपकी शायरी! लाजवाब !
August 28, 2009 at 7:40 AM
கவின்
said...
वोव
March 19, 2010 at 9:13 PM
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2 comments:
वाह वाह क्या बात है! बहुत खूब लिखा है आपने! बढ़िया लगा आपकी शायरी! लाजवाब !
वोव
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